नेशनल साइंस सेंटर, दिल्ली, एशिया के सबसे बड़े विज्ञान केंद्रों में से एक है और इसके दर्शकों के बीच आमतौर से ”ए ड्रीम केसल फॉर वन एंड ऑल” के नाम से जाना जाता है। केंद्र की विषेश संरचना आधुनिक वास्तुकला के कार्यक्षेत्र में उदाहरणीय लैंडमार्क है जो सामरिक दृश्टि से भारत के व्यापारिक प्रदर्शनी केंद्र अर्थात प्रगति मैदान कम्प्लेक्स के समीप स्थित है। वार्षिक रूप से लगभग पांच लाख दर्शक केंद्र में आते हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद, अंतरिक्ष यात्री, संग्रहालय व्यवसायी और विभिन्न क्षेत्रों के अन्य अनेक दिग्गज इसके नियमित दर्शक हैं। केंद्र का मूल उद्देश्य विषय क्षेत्र संबंधी प्रदर्शनियों, परस्पर संवादी शिक्षात्मक गतिविधियों और आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए दर्शकों को आकर्शित करना, शिक्षित करना और मनोरंजन करना है।
नेशनल साइंस सेंटर, दिल्ली का उद्घाटन 9 जनवरी 1992 को तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री श्री पी वी नरसिम्हाराव ने किया था। नेशनल साइंस सेंटर, दिल्ली, नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम्स (NCSM) की एक इकाई है, जिसके अंतर्गत 27 विज्ञान केंद्र और साइंस सिटी आते हैं। एनसीएसएम, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निधिबद्ध और संचालित होता है।