राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, दिल्ली
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शैक्षिक सलाहकारी संस्था
1. मेबाइल विज्ञान प्रदर्शनी (MSE)
एमएसई केंद्र की, दूरदराज क्षेत्रों में विशेष रूप से विद्यार्थियों तक पहुंचने की पहली सेवा है। चौबीस एक्जिबिटों के साथ विशेष रूप से बनाई गई बस, सेवा में लगाई गई है।
एमएसई बस की यात्रा पिछले 25 वर्षों से जारी है। एमएसई अब तक उत्तर भारत के विभिन्न दूरदराज के गांवों, पहाड़ी और रेगिस्तानी भौगोलिक स्थानों में 2,00,000 से अधिक दर्शकों तक पहुंचने के लिए लगभग 42,000 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी है।
एमएसई बस की विशेषताएं
- 1.प्रदर्शनी का विषय है ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत’।
- 2.प्रदर्शनी बस का आकार 30 फुट (लंबाई) 11.5 ft. (ऊंचाई) 09 ft. (चौड़ाई) है।
- 3.स्कूल में बस के आकार के अनुसार प्रवेश करने, सही ढंग से घुमाने और पार्किंग का स्थान होना चाहिए।
- 4.स्कूल को जाने वाली सड़क और पार्किंग का स्थान पक्का होना चाहिए।
- 5.स्टाफ के रुकने के लिए मूल सुविधाओं सहित एक कमरा होना चाहिए।
- 6.स्कूल को प्रदर्शनी की सुरक्षा का दायित्व लेना होगा।
- 7.स्कूल को प्रदर्शन के लिए स्वयंसेवी (छात्र या शिक्षक) प्रदान करने चाहिए।
सेवाएं कौन ले सकता है
- 1.राज्य शिक्षा विभाग या शैक्षिक प्राधिकारी के अंतर्गत स्थापित कोई औपचारिक स्कूल जिसमें 5वीं से 10वीं कक्षा के विद्यार्थी हों।
- 2.स्कूल की निम्नतम सामर्थ्य 500 होनी चाहिए और प्वाइंट 2 में दर्शित मापदंड के अनुसार होना चाहिए।
- 3.दिल्ली से कम से कम 100 किलोमीटर दूर (संदर्भ बिंदु आईएसबीटी कश्मीरी गेट)।
वित्तीय आवश्यकताएं
- 1.प्रदर्शनी का खर्च स्कूल को उठाना होगा जो रु 5000/- प्रति कार्यक्रम है (सामान्यतया 5 दिन के लिए)
- 2.स्थानीय प्रचार स्कूल द्वारा किया जाएगा
- 3.स्कूल के परिसर में एमएसई बस की सुरक्षा और बचाव का दायित्व मूलतः स्कूल का होगा
2. विज्ञानोत्सव
शहरी क्षेत्रों में छात्रों और लोगों के पास निकटस्थ स्थित विज्ञान केंद्र जाने और गतिविधियों में भाग लेने के ज्यादा अवसर होते हैं जबकि दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों और लोगों की पहुंच ऐसी सुविधाओं तक नहीं होती। ऐसी स्थितियों के लिए एक पैकेज इस प्रकार बनाया गया है जिसमें एक छोटा ट्रक ऐसे स्थानों पर जाता है। इस कार्यक्रम को सामान्यतया ”विज्ञानोत्सव” कहते हैं। वहनीय एक्जिबिट, टेलीस्कोप, वैज्ञानिक प्रदर्शन, हवा वाला प्लेनेटेरियम और छात्रों एवं शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम एक विशिष्ट विज्ञानोत्सव के घटक होते हैं। स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया गया प्रचार भीड़ को स्थल तक खींच लाता है।
केंद्र संगठनों, एनजीओज, आईआईटीज, स्कूलों के अनुरोध पर उनकी आवश्यकता के अनुसार तैयार गतिविधियां और कार्यक्रम भी प्रदान करता है। केंद्र आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए लगभग बीस लाख दर्शकों तक पहुंच गया है। पिछले 25 वर्षों में केंद्र ने अपने नियमित दर्शकों, समुदायों, वैज्ञानिक संगठनों, एनजीओज के दिमाग में स्वयं को एक बै्रंड के रूप में स्थापित किया है। आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए केंद्र ने आउटरीच कार्यक्रम बनाने में उनकी आवश्यकता को समझ कर दीर्घ अवधि संबंध बुने हैं और समुदायों के साथ मजबूत गठबंधन किया है, जिससे और अधिक लोग केंद्र आने के लिए प्रेरित होते हैं। लोगों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति की ज्योति जलाने की यात्रा और सहयोग जारी है।

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